जर्मिनेटर पपिताकी अधिक और जल्द अंकुरण पाकर बिहारसे डॉ.बावसकर तंत्रज्ञान लेने के लिए आये

श्री. श्रावण ठाकुर, मु. पो. बलहा, पो. अरेंया बलहा, ता. गोगरी जमालपूर, जि. खगडिया (बिहार)


मेरे पास ४ एकर जमीन है । पानी बोरिंग का है । ४ इंच पानी आता है । मेरे घर में १२ लोग है । हमारे यहां गोबी, कदू खीरा की फसल करते है । हम रोपण ऑगस्त में करते है । हमारे यहां जून की बारिश होने के बाद मक की फसल करते है । में जमीन दोमट (वालुमिश्रित) है । मैन एक बार अखबार में तैवान पपिता की खबर पढ़ी थी । तो मैनें उसकी लगावत करने का सोचा । मै पुना में बीज लेने के लिये आया था। डॉ.बावसकर टेक्नॉंलॉजी के ऑफिस में आया था । डॉ.बावसकर टेक्नॉंलॉजी के ऑफिस में आया तो मुझे वहाँ सप्तामृत दवाईयों के कार्य बताये । वहाँसे मैं तैवान पपिता के ४ पॅकेट बीज और जर्मिनटर १०० मिली लेकर गया । उन्होने बताया ठिक वैसेही बीजप्रक्रिया करके लगावत की । हमारे यहां पारंपारिक हिसाबसे अंकुरण २० दिन में होता है । पर जर्मिनेटर की बीजप्रक्रिया करने से ७ दिन में ९०% अंकुरण हो गया और ४ - ८ दिन में बाकी के बीजोंका अंकुरण हुआ इस प्रकार सौ. प्रतिशत अंकुरण हुआ । पपिता के पौधे तेजस्वी, हरियाली रहे। एक महीने बाद ७' x ७' पर १॥' x १॥' x १॥' के खड्डे में ३० किलो कंपोस्ट खत डाला और मिट्टी से खड्डे को भर दिया और २ एकर में पपिता के पौधो की बुवाई की ।

एस अनुभव की वजह से मै आज पुना आकर पुरे विश्वास के साथ डॉ.बावसकर टेक्नॉंलॉजीके बताये तरीकोंसे अगली औषधियोंकी फवारानी करने के लिये जर्मिनेटर + थ्राईवर + क्रॉंपशाईनर + राईपनर + प्रोटेक्टंट + प्रिझम +न्युट्राटोन प्रति १ लि। आज ले जा रहा हूँ । हमारे यहाँ लंबी सफर होने के कारन कल्पतरू खाद ले जाने में थोड़ी दिक्कत होती है । इसके लिए आज सफरमें आसानी के लिये खाद कम ले जा रहा हूँ । हमारी इच्छा है की, आगे हमारे तरफ कोई ट्रक मिली तो असमें हम २ या ४ टन कल्पतरू खाद ले जायेंगे । हमारे तरफ की गाड़ी रही तो हमें खर्चा कम पड़ेगा ।

हमारे यहाँ पुराने तरीकेसे १ एकर में हम १ लाख रूपये उत्पन्न निकलते है । क्योंकी हमारे यहाँ पपिता की लगावत वहुत ही कम की जाती है । और इस हिसाब से हमारे यहां पपिता के भाव बहुत तेज होते है। मुजे पुरा विश्वास है की, में इस बक्त एक एकर में ४ लाख रू। उत्पादन निकाल सकता हूँ । में इतने दूर से सिर्फ डॉ.बावसकर टेक्नॉंलॉजी की दवाईयाँ लेने के लिये आया हूँ ।